उनका दावा मुफ़लिसी का मोर्चा सर हो गया

unka daawa muflisi ka morcha sar ho gaya

उनका दावा मुफ़लिसी का मोर्चा सर हो गया पर हक़ीक़त ये है मौसम और बदतर हो गया, बंद

मेरे ख़्वाबों से ओझल उस का चेहरा हो गया है

mere khwabo se ojhal us ka chehra ho gaya hai

मेरे ख़्वाबों से ओझल उस का चेहरा हो गया है मैं ऐसा चाहता कब था पर ऐसा हो

बताता है मुझे आईना कैसी बे रुख़ी से

batata hai mujhe aaeena kaisi be rukhi se

बताता है मुझे आईना कैसी बे रुख़ी से कि मैं महरूम होता जा रहा हूँ रौशनी से, किसे

शिकस्त ए ख़्वाब का हमें मलाल क्यूँ नहीं रहा

shikast e khwab ka humen malal kyun nahi raha

शिकस्त ए ख़्वाब का हमें मलाल क्यूँ नहीं रहा बिछड़ गए तो फिर तिरा ख़याल क्यूँ नहीं रहा

यहाँ तकरार ए साअत के सिवा क्या रह गया है

yahan taqrar e saaat ke siwa kya rah gaya hai

यहाँ तकरार ए साअत के सिवा क्या रह गया है मुसलसल एक हालत के सिवा क्या रह गया

ख़्वाब में कोई मुझ को आस दिलाने बैठा था

khwab me koi mujh ko aas dilaane baitha tha

ख़्वाब में कोई मुझ को आस दिलाने बैठा था जागा तो मैं ख़ुद अपने ही सिरहाने बैठा था,

हमें नहीं आते ये कर्तब नए ज़माने वाले

hume nahi aate ye kartab naye zamane wale

हमें नहीं आते ये कर्तब नए ज़माने वाले हम तो सीधे लोग हैं यारो वही पुराने वाले, उन

सभी ये पूछते रहते हैं क्या गुम हो गया है

sabhi ye puchte rahte hain kya gum ho gaya hai

सभी ये पूछते रहते हैं क्या गुम हो गया है बता दूँ? मुझ से ख़ुद अपना पता गुम

अब आ भी जाओ, बहुत दिन हुए मिले हुए भी

ab aa bhi jaao bahut din hue mile hue bhi

अब आ भी जाओ, बहुत दिन हुए मिले हुए भी भुला ही देंगे अगर दिल में कुछ गिले

उदास बस आदतन हूँ कुछ भी हुआ नहीं है

udaas-bas-adatan-hoon-kuch-bhi-hua-nahi-hai

उदास बस आदतन हूँ कुछ भी हुआ नहीं है यक़ीन मानो किसी से कोई गिला नहीं है, अधेड़