दिल ए बेताब की मुझको हिमायत अब नहीं करनी
दिल ए बेताब की मुझको हिमायत अब नहीं करनी मुझे आज़ाद रहना हैं मुहब्बत अब …
दिल ए बेताब की मुझको हिमायत अब नहीं करनी मुझे आज़ाद रहना हैं मुहब्बत अब …
कैसे होता है मुमकिन ये गवारा करना दिल में बसे हुए लोगो से किनारा करना, …
दिल दे कर संगदिल को ज़िन्दगी दुश्वार नहीं करना यूँ हर किसी से अपने इश्क़ …
ख़ुद्दार मेरे शहर का फाक़ो से मर गया राशन जो आ रहा था वो अफ़सर …
दिल की इस दौर में क़ीमत नहीं होती शायद सब की क़िस्मत में मुहब्बत नहीं …
सफ़र ए वफ़ा की राह में मंज़िल जफा की थी कागज़ का घर बना के …
भूख़ चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे बेचते फिरते हैं गलियों में ग़ुबारे बच्चे, …
बे नियाज़ी के सिलसिले में हूँ मैं कहाँ अब तेरे नशे में हूँ, हिज्र तेरा …
मज़लूमों के हक़ मे अब आवाज़ उठाये कौन ? जल रही बस्तियाँ,आह ओ सोग मनाये …