हमें कोई गम न था, गम ए आशिकी से पहले
हमें कोई गम न था, गम ए आशिकी से पहले न थी दुश्मनी किसी से, तेरी दोस्ती से
Sad Poetry
हमें कोई गम न था, गम ए आशिकी से पहले न थी दुश्मनी किसी से, तेरी दोस्ती से
हमने सुना था फ़रिश्ते जान लेते है खैर छोड़ो ! अब तो इन्सान लेते है, इश्क़ ने ऐसी
खुद ही जवाब देता खुद सवाल करता है जमाना तेरा मेरे मौला कमाल करता है, भूले से भी
अमीरों को मिलती है हर जगह इज्ज़त ये ग़ुरबत हम गरीबो को कहाँ इज्ज़त पाने देती है, झोलियाँ
हर एक रूह में एक ग़म छुपा लगे है मुझे ये ज़िन्दगी तो कोई बद्दुआ लगे है मुझे,
हर वक़्त किसी को मुकम्मल नज़ारा नहीं मिलता उम्मीद जब रखो तो कहीं किनारा नहीं मिलता, वफाओं के
हर शख्स का जीना यहाँ आसान नहीं है मुश्किल से मिले वो जो परेशान नहीं है, हर शख्स
हर एक शख़्स परेशान ओ दर बदर सा लगे ये शहर मुझको तो यारो कोई भँवर सा लगे,
रोज़मर्रा वही सब ख़बर देख कर अब तो पत्थर हुआ ये ज़िगर देखिए, सड़के चलने लगी आदमी रुक
ज़िन्दगी का बोझ उठाना पड़ेगा गर ज़िन्दा हो तो दिखाना पड़ेगा, लगने लगे जो मसला ये ज़िन्दगी तो