जो रहता है दिल के क़रीब…
जो रहता है दिल के क़रीबअक्सर वही दूर हुआ करता है, जो नहीं हो मयस्सर …
जो रहता है दिल के क़रीबअक्सर वही दूर हुआ करता है, जो नहीं हो मयस्सर …
संभाला होश है जबसेमुक़द्दर सख्त तर निकलाबड़ा है वास्ता जिससेवही ज़ेर ओ ज़बर निकला, सबक़ …
होश में रह के बे हवास फिर रहे है आजतेरे नगर में हम उदास फिर …
पलकों को तेरी शर्म से झुकता हुआ मैं देखूँधड़कन को अपने दिल की रुकता हुआ …
जिन्हें कर सका न क़ुबूल मैंवो शरीक़ राह ए सफ़र हुए, जो मेरी तलब मेरी …
अभी क्या कहेअभी क्या सुने? कि सर ए फसील ए सकूत ए जाँकफ़ ए रोज़ …
उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआअब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ, …