तू ख़ुश है गर मुझ से जुदा होने पर
तू ख़ुश है गर मुझ से जुदा होने पर कोई गिला नहीं फिर तेरे बे …
तू ख़ुश है गर मुझ से जुदा होने पर कोई गिला नहीं फिर तेरे बे …
पर्बत तेरे पहलू में अगर खाई नहीं है काहे की बुलंदी जहाँ गहराई नहीं है, …
सीधे साधे लोग थे पहले घर भी सादा होता था कमरे कम होते थे और …
मशवरे पर न कहीं धूप के चलने लग जाएँ आदमी मोम बनें और पिघलने लग …
हर दिन है मुहब्बत का, हर रात मुहब्बत की हम अहल ए मुहब्बत में, हर …
मुझे इल्म है तुम रास्ते से पलट जाओगे फिर तुम्हारे साथ सफ़र की इब्तिदा क्या …
दिलजलों से दिल्लगी अच्छी नहीं रोने वालों से हँसी अच्छी नहीं, मुँह बनाता है बुरा …
मेरी तन्हाई बढ़ाते हैं चले जाते है हँस तालाब पे आते हैं चले जाते हैं, …
पानी आँख में भर कर लाया जा सकता है अब भी जलता शहर बचाया जा …