उस ने सुकूत-ए-शब में भी अपना पयाम रख दिया..

Bazmeshayari_512X512

उस ने सुकूत-ए-शब में भी अपना पयाम रख दियाहिज्र की रात बाम पर माह-ए-तमाम रख दिया, आमद-ए-दोस्त की

उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ…

Bazmeshayari_512X512

उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआअब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ, ढलती न थी

मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे…

Bazmeshayari_512X512

वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करेमैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न

दिल में न हो जुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलती…

Bazmeshayari_512X512

दिल में न हो जुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलतीख़ैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती , कुछ लोग

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो…

धूप में निकलो घटाओं

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखोज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो, सिर्फ़ आँखों से

ख़िर्द-मंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या है…

Bazmeshayari_512X512

ख़िर्द-मंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या हैकि मैं इस फ़िक्र में रहता हूँ मेरी इंतिहा क्या

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ….

Bazmeshayari_512X512

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँमिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ, सितम हो कि हो वादा-ए-बे-हिजाबीकोई बात सब्र-आज़मा

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं…

Bazmeshayari_512X512

सितारों से आगे जहाँ और भी हैंअभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं, तही ज़िंदगी से नहीं ये