वही हालात हैं फ़क़ीरों के

wahi halaat hain fakiron ke din fire hain

वही हालात हैं फ़क़ीरों के दिन फिरे हैं फ़क़त वज़ीरों के, अपना हल्क़ा है हल्क़ा ए ज़ंजीर और

फिर दिल से आ रही है सदा उस गली में चल

fir dil se aa rahi hai sada us gali me chal

फिर दिल से आ रही है सदा उस गली में चल शायद मिले ग़ज़ल का पता उस गली

कुछ लोग ख़यालों से चले जाएँ तो सोएँ

kuch log khyalon se chale jaayen to soyen

कुछ लोग ख़यालों से चले जाएँ तो सोएँ बीते हुए दिन रात न याद आएँ तो सोएँ, चेहरे

इस शहर ए ख़राबी में ग़म ए इश्क़ के मारे

is shahar e kharabi me gam e ishq ke maare zinda hain

इस शहर ए ख़राबी में ग़म ए इश्क़ के मारे ज़िंदा हैं यही बात बड़ी बात है प्यारे,

दिल पर जो ज़ख़्म हैं वो दिखाएँ किसी को क्या

dil par jo zakhm hain wo dikhaye kisi ko kya

दिल पर जो ज़ख़्म हैं वो दिखाएँ किसी को क्या अपना शरीक ए दर्द बनाएँ किसी को क्या

अपनों ने वो रंज दिए हैं बेगाने याद आते हैं

apno ne wo ranj diye hai begaane yaad aate hain

अपनों ने वो रंज दिए हैं बेगाने याद आते हैं देख के उस बस्ती की हालत वीराने याद

वतन को कुछ नहीं ख़तरा निज़ाम ए ज़र है ख़तरे में

watan ko kuch nahin khatara nizam e zar hai khatare me

वतन को कुछ नहीं ख़तरा निज़ाम ए ज़र है ख़तरे में हक़ीक़त में जो रहज़न है वही रहबर

हुजूम देख के रस्ता नहीं बदलते हम

hujum dekh ke rasta nahin badalte hum

हुजूम देख के रस्ता नहीं बदलते हम किसी के डर से तक़ाज़ा नहीं बदलते हम, हज़ार ज़ेर ए

भुला भी दे उसे जो बात हो गई प्यारे

bhula bhi de use jo baat ho gai pyare

भुला भी दे उसे जो बात हो गई प्यारे नए चराग़ जला रात हो गई प्यारे, तेरी निगाह

और सब भूल गए हर्फ़ ए सदाक़त लिखना

aur sab bhool gaye harf e sadakat likhna

और सब भूल गए हर्फ़ ए सदाक़त लिखना रह गया काम हमारा ही बग़ावत लिखना, लाख कहते रहें