आज ज़रा फुर्सत पाई थी आज उसे फिर याद किया
आज ज़रा फुर्सत पाई थी आज उसे फिर याद किया बंद गली के आख़िरी घर …
आज ज़रा फुर्सत पाई थी आज उसे फिर याद किया बंद गली के आख़िरी घर …
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए …
दो चार गाम राह को हमवार देखना फिर हर क़दम पे एक नई दीवार देखना, …
इंसान में हैवान यहाँ भी है वहाँ भी अल्लाह निगहबान यहाँ भी है वहाँ भी, …
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए …
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता, तमाम शहर …
दुनियाँ जिसे कहते है जादू का खिलौना है मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए …
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं रुख़ हवाओं का जिधर का है …
दिल में न हो जुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलतीख़ैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती …