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Miscellaneous

मैं हूँ मेरी चश्म-ए-तर है रात है तन्हाई है…

मैं हूँ मेरी चश्म-ए-तर

मैं हूँ मेरी चश्म-ए-तर है रात है तन्हाई है दर्द मेरा हम-सफ़र है रात है तन्हाई है, जुगनुओं …

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रवैये मार देते है ये लहज़े मार देते है…

रवैये मार देते है

रवैये मार देते है ये लहज़े मार देते है वही जो जान से प्यारे हैं रिश्ते मार देते …

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आगाज़ ईद है, अंज़ाम ईद है, नेक काम ईद है…

Bazmeshayari_512X512

ईद मुबारक़ आगाज़ ईद है, अंज़ाम ईद है, नेक काम ईद है सच्चाई ओ हक़ पे रहे क़ायम …

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अपनी ज़रूरत के मुताबिक़….

Bazmeshayari_512X512

अपनी ज़रूरत के मुताबिक़ लोगो के जज़्बात बदल जाते है, इंसानों की इन्हें फिक़र नहीं मगर ये हैवानो …

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कहते हैं ईद है आज अपनी भी ईद होती…

कहते हैं ईद है आज

कहते हैं ईद है आज अपनी भी ईद होती हम को अगर मयस्सर जानाँ की दीद होती, क़ीमत …

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आये जो वो तो दिल के सब अरमान मचल गए…

आये जो वो तो

आये जो वो तो दिल के सब अरमान मचल गएबुझते हुए चिराग़ ए वफ़ा फिर से जल गए, …

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राज़ कहाँ तक राज़ रहेगा मंज़र-ए-आम पे आएगा

Bazmeshayari_512X512

राज़ कहाँ तक राज़ रहेगा मंज़र-ए-आम पे आएगाजी का दाग़ उजागर हो कर सूरज को शरमाएगा, शहरों को …

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पीत करना तो हम से निभाना सजन…

Bazmeshayari_512X512

पीत करना तो हम से निभाना सजनहम ने पहले ही दिन था कहा ना सजन, तुम ही मजबूर …

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हिलाल-ए-शाम से बढ़ कर माह-ए-तमाम हुए..

हिलाल-ए-शाम से

लोग हिलाल-ए-शाम से बढ़ कर पल में माह-ए-तमाम हुएहम हर बुर्ज में घटते घटते सुब्ह तलक गुमनाम हुए, …

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कुछ कहने का वक़्त नहीं कुछ न कहो ख़ामोश रहो…

Bazmeshayari_512X512

कुछ कहने का वक़्त नहीं ये कुछ न कहो ख़ामोश रहोऐ लोगो ख़ामोश रहो हाँ ऐ लोगो ख़ामोश …

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कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस

चल निकलती हैं ग़म

चल निकलती हैं ग़म ए यार से बातें क्या क्या

ऐसा है कि सब ख़्वाब

ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते

अब तक यही सुना

अब तक यही सुना था कि बाज़ार बिक गए

जैसा नज़र का शौक़

जैसा नज़र का शौक़ था वैसा न कर सका

ये ज़माने की वफ़ाएं

ये ज़माने की वफ़ाएं मेरे काम की नहीं

असर उस को ज़रा

असर उस को ज़रा नहीं होता

वो जो हम में

वो जो हम में तुम में क़रार था…

रह वफ़ा में

रह वफ़ा में कोई साहिब ए जुनूँ न मिला

हाल में अपने मगन

हाल में अपने मगन हो फ़िक्र ए आइंदा न हो

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कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस