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General Poetry

होशियारी ये दिल ए नादान बहुत करता है

hoshiyari ye dil e nadaan

होशियारी ये दिल ए नादान बहुत करता है रंज कम सहता है पर ऐलान बहुत करता है, रात …

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बारहा तुझ से कहा था मुझे अपना न बना

baaraha tujh se kaa tha

बारहा तुझ से कहा था मुझे अपना न बना अब मुझे छोड़ के दुनिया में तमाशा न बना, …

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अब बेवजह बेसबब दिन को रात नहीं करता

ab bewajah besabab din ko

अब बेवजह बेसबब दिन को रात नहीं करता फ़ुर्सत मिले भी तो किसी से बात नहीं करता, वक़्त, …

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याद ए माज़ी में जो आँखों को सज़ा दी जाए

yaad e maazi me jo khud k

याद ए माज़ी में जो आँखों को सज़ा दी जाए उस से बेहतर है कि हर बात भूला …

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इंसाफ़ से न महरूम अब कोई शख्स रहेगा

insaaf se na mahrum

इंसाफ़ से न महरूम अब कोई शख्स रहेगा दुनियाँ में जो जैसा करेगा, वो वैसा ही भरेगा, कागज़ …

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ख़ुदा से वक़्त ए दुआ हम सवाल कर बैठे

khuda se waqt e dua

ख़ुदा से वक़्त ए दुआ हम सवाल कर बैठे वो बुत भी दिल को ज़रा अब संभाल कर …

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ख़ून से लिखता है तावीज़ ए अजल काग़ज़ पर

khoon se likhta hai taavij e azal

ख़ून से लिखता है तावीज़ ए अजल काग़ज़ पर वक़्त करता है अजब सिफली अमल काग़ज़ पर, रंज …

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कोई आहट कोई सरगोशी…

koi aahat koi sargoshi sada kuch bhi

कोई आहट कोई सरगोशी सदा कुछ भी नहीं घर में एक बेहिस ख़मोशी के सिवा कुछ भी नहीं, …

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मत बुरा उसको कहो गरचे वो अच्छा भी नहीं

mat bura usko kaho

मत बुरा उसको कहो गरचे वो अच्छा भी नहीं वो न होता तो ग़ज़ल मैं कभी कहता भी …

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ज़ख्म ए वाहिद ने जिसे ता उम्र रुलाया हो

zakhm e waahid ne jise

ज़ख्म ए वाहिद ने जिसे ता उम्र रुलाया हो हरगिज़ ना दुखाना दिल जो चोट खाया हो, जिसे …

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सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

निगाह ए यार के

निगाह ए यार के बदलने में कुछ देर नहीं लगती

कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस

चल निकलती हैं ग़म

चल निकलती हैं ग़म ए यार से बातें क्या क्या

ऐसा है कि सब ख़्वाब

ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते

अब तक यही सुना

अब तक यही सुना था कि बाज़ार बिक गए

जैसा नज़र का शौक़

जैसा नज़र का शौक़ था वैसा न कर सका

ये ज़माने की वफ़ाएं

ये ज़माने की वफ़ाएं मेरे काम की नहीं

असर उस को ज़रा

असर उस को ज़रा नहीं होता

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सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

निगाह ए यार के

निगाह ए यार के बदलने में कुछ देर नहीं लगती