ऐसा लगता है समझदार है दुनिया सारी

aisa lagta hai samjhdar hai duniya saari

ऐसा लगता है समझदार है दुनिया सारी मैं हूँ इस पार तो उस पार है दुनिया सारी, इस

हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है

hungama hai kyun barpa thodi see jo

हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं मारा चोरी तो नहीं की

आँखें मुझे तलवों से वो मलने नहीं देते

aankhen mujhe talwo se wo malne nahi

आँखें मुझे तलवों से वो मलने नहीं देते अरमान मेरे दिल के निकलने नहीं देते, ख़ातिर से तेरी

ऐ मेरी जान तुझे और बदलना होगा

ae meri jaan tujhe aur badalna hoga

ऐ मेरी जान तुझे और बदलना होगा फिर मेरे साथ कड़ी धूप में चलना होगा, अपने पैरों पे

इल्म ओ हुनर से क़ौम को रग़बत नहीं रही

ilm o hunar se qaum ko ragbat nahin

इल्म ओ हुनर से क़ौम को रग़बत नहीं रही इस पर शिकायतें कि फ़ज़ीलत नहीं रही, बदलेगा क्या

हुज़ूर हद भी कोई होवे इंतिज़ारी की

huzur had bhi koi howe intizari ki

हुज़ूर हद भी कोई होवे इंतिज़ारी की कि इंतिहा हुई जावे है बे क़रारी की, न कुछ कहो

ग़म्ज़ा नहीं होता कि इशारा नहीं होता

gamza nahin hota ki ishara nahin hota

ग़म्ज़ा नहीं होता कि इशारा नहीं होता आँख उन से जो मिलती है तो क्या क्या नहीं होता

आह जो दिल से निकाली जाएगी

aah jo dil se nikaali jayegi

आह जो दिल से निकाली जाएगी क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी ? इस नज़ाकत पर ये शमशीर

फिरते हैं जिस के वास्ते हम दर ब दर अभी

firte hai jis ke vaaste hum dar ba dar

फिरते हैं जिस के वास्ते हम दर ब दर अभी क्या कीजिए नहीं है उसे कुछ ख़बर अभी,

हम से आँखें मिलाइए तो कहें

hum se aankhen milaieye to kahen

हम से आँखें मिलाइए तो कहें अपना जल्वा दिखाइए तो कहें, रस्म ही है अगर तो फिर रस्मन