कुछ परिंदों को तो बस दो चार दाने चाहिएँ

kuch parindo ko to bas do chaar daane chahiye

कुछ परिंदों को तो बस दो चार दाने चाहिएँ कुछ को लेकिन आसमानों के ख़ज़ाने चाहिएँ, दोस्तों का

किसी दिन ज़िंदगानी में करिश्मा क्यूँ नहीं होता

kisi din zindagaani me karishma kyun nahi hota

किसी दिन ज़िंदगानी में करिश्मा क्यूँ नहीं होता मैं हर दिन जाग तो जाता हूँ ज़िंदा क्यूँ नहीं

जाने कितनी उड़ान बाक़ी है

jaane kitni udaan baaqi hai

जाने कितनी उड़ान बाक़ी है इस परिंदे में जान बाक़ी है, जितनी बटनी थी बट चुकी ये ज़मीं

ये जो ज़िंदगी की किताब है ये किताब भी क्या किताब है

ye jo zindagi ki kitab hai

ये जो ज़िंदगी की किताब है ये किताब भी क्या किताब है कहीं एक हसीन सा ख़्वाब है

अब क्या बताएँ टूटे हैं कितने कहाँ से हम

ab kya batayen tute hai kitne kahan se hum

अब क्या बताएँ टूटे हैं कितने कहाँ से हम ख़ुद को समेटते हैं यहाँ से वहाँ से हम

यहाँ हर शख़्स हर पल हादसा होने से डरता है

yahan har shakhs har pal haadsa hone se

यहाँ हर शख़्स हर पल हादसा होने से डरता है खिलौना है जो मिट्टी का फ़ना होने से

ज़िंदगी तू ने लहू ले के दिया कुछ भी नहीं

zindagi tu ne lahoo le ke diya kuch bhi nahin

ज़िंदगी तू ने लहू ले के दिया कुछ भी नहीं तेरे दामन में मेरे वास्ते क्या कुछ भी

तह ब तह है राज़ कोई आब की तहवील में

tah ba tah hai raaz koi aab ki tahweel me

तह ब तह है राज़ कोई आब की तहवील में ख़ामुशी यूँ ही नहीं रहती है गहरी झील

नए सिरे से कोई सफ़र आग़ाज़ नहीं करता

naye sire se koi safar aagaaz nahin karta

नए सिरे से कोई सफ़र आग़ाज़ नहीं करता जाने क्यूँ अब दिल मेरा परवाज़ नहीं करता, कितनी बुरी

एक अजब सी दुनिया देखा करता था

ek azab see duniya dekha karta tha

एक अजब सी दुनिया देखा करता था दिन में भी मैं सपना देखा करता था, एक ख़याल आबाद