Skip to content
Bazm e Shayari :: Hindi / Urdu Poetry, Gazals, Shayari
  • Home
  • About us
  • Contact us
  • Loading...
  • Articles
  • Poetry Category
    • Rain Poetry
    • Dua Poetry
    • Forgiveness
    • Funny
    • Friendship
    • Islamic
    • Love
    • Religious
  • Famous poets
    • Allama Iqbal
    • Ahmad Faraz
    • Bashir Badr
    • Faiz Ahmad Faiz
    • Firaq Gorakhpuri
    • Guljar
    • Javed Akhtar
    • Majrooh Sultanpuri
    • Mirza Galib
    • Rahat Indori
    • Sahil Ludhiyanvi
    • Wasim Barelvi
    • Parvin Shakir
    • Nida Fazli
    • Ada Jafri
  • Miscellaneous
    • Life
    • General
    • New Year
    • Patriotic
    • Political
    • Sad
    • Sufi
  • Motivational
  • Occassional

General Poetry

अपने साये से भी अक्सर डर जाते है लोग

अपने साये से भी

अपने साये से भी अक्सर डर जाते है लोग जाने अनजाने में गुनाह कर जाते है लोग, लिखी …

Read More

ज़िन्दगी ने लिया है ऐसा इम्तिहाँ मेरा

ज़िन्दगी ने लिया है

ज़िन्दगी ने लिया है ऐसा इम्तिहाँ मेरा सदा ही साथ रहा है गम ए दौराँ मेरा, दिन ओ …

Read More

दुनियाँ की बुलंदी के तलबगार नहीं हैं

duniya ki bulandi ke talabgar nahi ahi

दुनियाँ की बुलंदी के तलबगार नहीं हैं हम अहल ए ख़िरद तेरे परस्तार नहीं हैं, बरगद की तरह …

Read More

जिस वक़्त वालिदैन ने जनाज़े उठाये होंगे

jis waqt vaalidain ne janaje uthaye honge

जिस वक़्त वालिदैन ने जनाज़े उठाये होंगे उस वक़्त कितने खून के आँसू बहाए होंगे, मुंसफ सज़ा कहाँ …

Read More

बताओ दिल की बाज़ी में भला क्या बात गहरी थी ?

bataao dil ki baat me kya baat gahri thi

बताओ दिल की बाज़ी में भला क्या बात गहरी थी ? कहा, यूँ तो सभी कुछ ठीक था …

Read More

अपने अंदाज़ में औरों से जुदा लगते हो

apne andaj men auro se juda lagte ho

अपने अंदाज़ में औरों से जुदा लगते हो सब बला लगते हैं तुम रद ए बला लगते हो, …

Read More

नाम ए मुहब्बत का यही इस्तिआरा है

naam e muhabbat ka yahi

नाम ए मुहब्बत का यही इस्तिआरा है जो नहीं है हासिल वही होता हमारा है, माज़ी में छोड़ …

Read More

कुछ इस लिए भी तह ए आसमान मारा गया

kuch is liye bhi tah e aasmaan maara gaya

कुछ इस लिए भी तह ए आसमान मारा गया मैं अपने वक़्त से पहले यहाँ उतारा गया, ये …

Read More

हमें ये खौफ़ था एक दिन यहीं से टूटेंगे

hamen ye khauf tha ek din yahi se

हमें ये खौफ़ था एक दिन यहीं से टूटेंगे हमारे ख्वाब तुम्हारी तहीं से टूटेंगे, बददुआ तो नहीं …

Read More

ये ज़हमत भी तो रफ़्ता रफ़्ता रहमत हो ही जाती है

ye jahmat bhi to rafta rafta rahmat..

ये ज़हमत भी तो रफ़्ता रफ़्ता रहमत हो ही जाती है मुसलसल गम से गम सहने की आदत …

Read More

Older posts
Newer posts
← Previous Page1 … Page12 Page13 Page14 … Page131 Next →

Recent Post

कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस

चल निकलती हैं ग़म

चल निकलती हैं ग़म ए यार से बातें क्या क्या

ऐसा है कि सब ख़्वाब

ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते

अब तक यही सुना

अब तक यही सुना था कि बाज़ार बिक गए

जैसा नज़र का शौक़

जैसा नज़र का शौक़ था वैसा न कर सका

ये ज़माने की वफ़ाएं

ये ज़माने की वफ़ाएं मेरे काम की नहीं

असर उस को ज़रा

असर उस को ज़रा नहीं होता

वो जो हम में

वो जो हम में तुम में क़रार था…

रह वफ़ा में

रह वफ़ा में कोई साहिब ए जुनूँ न मिला

हाल में अपने मगन

हाल में अपने मगन हो फ़िक्र ए आइंदा न हो

Popular Categories

  • Dua Poetry
  • Forgiveness Poetry
  • Funny Poetry
  • Friendship Poetry
  • Religious Poetry
  • Life Poetry
  • New Year Poetry
  • Love Poetry
  • Patriotic Poetry
  • Political Poetry
  • Sad Poetry
  • Sufi Poetry

Footer

  • Privacy policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
  • Sitemap
Copyright © Bazm e Shayari 2025 All Rights Reserved.

नवीनतम प्रकाशित अश'आर / ग़ज़ल

कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस