फ़लक का हर सितारा रात की आँखों का मोती है
फ़लक का हर सितारा रात की आँखों का मोती है जिसे शबनम सहर की शोख़ किरनों में पिरोती …
फ़लक का हर सितारा रात की आँखों का मोती है जिसे शबनम सहर की शोख़ किरनों में पिरोती …
सब जल गया जलते हुए ख़्वाबों के असर से उठता है धुआँ दिल से निगाहों से जिगर से, …
बेख़बर दुनिया को रहने दो ख़बर करते हो क्यूँ दोस्तो मेरे दुखों को मुश्तहर करते हो क्यूँ ? …
नहीं बदलता यहाँ कुछ भी आरज़ू से फ़क़त नहीं बदलता यहाँ कुछ भी जुस्तजू से फ़क़त, मुझे यक़ीन …
हमारे जैसे तुम्हे ख़राबो में मिलेंगे धुल पड़ी कहीं किताबो में मिलेंगे, ज़फागर से किये वफ़ाओ में मिलेंगे …
दर्द हो या कि रंज़ ओ गम हर हाल में मुस्कुराते चलो गैरों की ख़ुशी की खातिर रस्म …
जला के मिशअल ए जाँ हम जुनूँ सिफ़ात चले जो घर को आग लगाए हमारे साथ चले, दयार …
यारो किसी क़ातिल से कभी प्यार न माँगो अपने ही गले के लिए तलवार न माँगो, गिर जाओगे …
ये दौर ए ख़िरद है दौर ए जुनूँ इस दौर में जीना मुश्किल है अँगूर की मय के …
हम को जुनूँ क्या सिखलाते हो हम थे परेशाँ तुम से ज़्यादा चाक किए हैं हम ने अज़ीज़ो …