थोड़ी सर्दी ज़रा सा नज़ला है

thodi sardi zara saa nazla hai

थोड़ी सर्दी ज़रा सा नज़ला है शायरी का मिज़ाज पतला है, सुनने वालों का कुछ क़ुसूर नहीं नया

बदन पे सूट उर्दू का गले में टाई उर्दू की

badan pe suit urdu ka

बदन पे सूट उर्दू का गले में टाई उर्दू की उन्हें मालूम है गहराई और गीराई उर्दू की,

एक दिन बीवी ने फ़रमाया तुम्हारी हर किताब

ek din bibi ne farmaya

एक दिन बीवी ने फ़रमाया तुम्हारी हर किताब फ़ालतू सामान है कूड़ा है रद्दी है जनाब, आज कल

नुक़सान हो रहा है बहुत कारोबार में

nuksan ho raha hai bahut

नुक़सान हो रहा है बहुत कारोबार में अब्बा पड़े हैं जब से पड़ोसन के प्यार में, सौ कोशिशों

मुझ से फिर मेरी कार तू माँगे

mujh se fir meri car

मुझ से फिर मेरी कार तू माँगे एक या दो हज़ार तू माँगे, इस से पहले उधार तू

सुना है रोज़ वो हम को सँवर के देखते हैं

suna hai roz wo ham ko

सुना है रोज़ वो हम को सँवर के देखते हैं ये बात सच है तो उन पे भी

ग़ुस्से में बीवी ये बोली शौहर से

gusse me bibi ye boli

ग़ुस्से में बीवी ये बोली शौहर से तुम ने तो बस ज़ुल्म मुझी पर ढाए हैं, मैं ही

ये खटमल ये मक्खी ये मच्छर की दुनिया

ye khatmal ye makkhi

ये खटमल ये मक्खी ये मच्छर की दुनिया ये लंगूर भालू ये बंदर की दुनिया, ये कुत्तों गधों

मेरा पड़ोसी कोई माल दार थोड़ी है

mera padosi koi maal dar thodi

मेरा पड़ोसी कोई माल दार थोड़ी है ये कार बैंक की है उसकी कार थोड़ी है, हर एक

उस बाप से नाता तोड़ लिया जिस बाप का था बेहद प्यारा

us baap se naata tod liya

उस बाप से नाता तोड़ लिया जिस बाप का था बेहद प्यारा तू माल हड़प कर बैठा है