मरज़ ए इश्क़ जिसे हो उसे क्या याद रहे
मरज़ ए इश्क़ जिसे हो उसे क्या याद रहे न दवा याद रहे और न दुआ याद रहे, …
मरज़ ए इश्क़ जिसे हो उसे क्या याद रहे न दवा याद रहे और न दुआ याद रहे, …
अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएँगे मर के भी चैन न पाया तो किधर …
कभी नज़रे मिला के कभी झुका के लूटा कभी हँस के तो कभी मुस्कुरा के लूटा, मौज ए …
धूप सरों पर और दामन में साया है सुन तो सही जो पेड़ो ने फ़रमाया है, कैसे कह …
बैर दुनिया से क़बीले से लड़ाई लेते एक सच के लिए किस किस से बुराई लेते, आबले अपने …
ये बात फिर मुझे सूरज बताने आया है अज़ल से मेरे तआ’क़ुब में मेरा साया है, बुलंद होती …
तेरा हाथ, हाथ में हो अगर तो सफर ही असल ए हयात है, मेरे हर कदम पे हैं …
जाने कब किस के छलकने से हो दुनिया ग़र्क़ ए आब मेरी मुट्ठी में है दरिया साग़र ओ …
ठीक है कि ये जहाँ मुद्दत से उर्यानी पे था पर किसे यूँ नाज़ कल तक चाक दामानी …
दिल मेरा रक़्साँ है जब से अक़्ल इस शोरिश में है लर्ज़िश ए पा आसमाँ या ये जहाँ …