अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा

agar talaash karoon koi

अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा ? तुम्हें ज़रूर कोई

आहन में ढलती जाएगी इक्कीसवीं सदी

aahan me dhalti jayegi

आहन में ढलती जाएगी इक्कीसवीं सदी फिर भी ग़ज़ल सुनाएगी इक्कीसवीं सदी, बग़दाद दिल्ली मास्को लंदन के दरमियाँ

उदास रात है कोई तो ख़्वाब दे जाओ

udaas raat hai koi

उदास रात है कोई तो ख़्वाब दे जाओ मेंरे गिलास में थोड़ी शराब दे जाओ, बहुत से और

मेरी आँखों में तेरे प्यार का आँसू आए

mere aankh me tere

मेरी आँखों में तेरे प्यार का आँसू आए कोई ख़ुशबू मैं लगाऊँ तेरी ख़ुशबू आए, वक़्त ए रुख़्सत

ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखों को सिखाएँगे

gazalon ka hunar apni

ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखों को सिखाएँगे रोएँगे बहुत लेकिन आँसू नहीं आएँगे, कह देना समुंदर से हम

कभी यूँ भी आ मेरी आँख में…

kabhi yun bhi aa meri aankh

कभी यूँ भी आ मेरी आँख में कि मेरी नज़र को ख़बर न हो मुझे एक रात नवाज़

घर से निकले अगर हम बहक जाएँगे

ghar se agar nikale

घर से निकले अगर हम बहक जाएँगे वो गुलाबी कटोरे छलक जाएँगे, हमने अल्फ़ाज़ को आइना कर दिया

उम्र तमाम गुज़र जाती है आशियाँ बनाने में

umr tamam guzar jaati hai aashiyaan

उम्र तमाम गुज़र जाती है आशियाँ बनाने में ज़ालिम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में, और जाम टूटेंगे

उदासी का ये पत्थर आँसुओं से नम…

udasi ka ye patthar aansooon se nam nahi hota

उदासी का ये पत्थर आँसुओं से नम नहीं होता हज़ारों जुगनुओं से भी अँधेरा कम नहीं होता, कभी

ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखों को…

ग़ज़लों का हुनर अपनी

ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखों को सिखाएँगे रोएँगे बहुत लेकिन आँसू नहीं आएँगे, कह देना समुंदर से हम