एक हकीकी ख़्वाब हुआ तेरा साथ सराब हुआ…

एक हकीकी ख़्वाब हुआ
तेरा साथ सराब हुआ,

सब अंदेशे कमाल थे
मुक़म्मल हुए, पैकर ए ज़माल थे,

तुम क़ातिल हुए,तो न चर्चा हुआ
मेरी आह तक का तमाशा हुआ,

अफ़सोस की खैर गुंजाइश नहीं
मुझे क़बूल गम की नुमाइश नहीं,

लब ज़ख़्मी तब बा ख़ुदा हुए
ये कहते हुए कि रस्ते अब जुदा हुए..!!

Leave a Reply

Eid Special Dresses for women