इरादा है किसी जंगल में जा रहूँगा मैं

iraada hai kisi jungle me jaa rahunga

इरादा है किसी जंगल में जा रहूँगा मैं तुम्हारा नाम हर एक पेड़ पर लिखूँगा मैं, हर एक

शगुन ले कर न क्यूँ घर से चला मैं

shagun le kar na kyun ghar se chala main

शगुन ले कर न क्यूँ घर से चला मैं तुम्हारे शहर में तन्हा फिरा मैं, अकेला था किसे

वो मेरे साथ आने पे तैयार हो गया

wo mere saath aane pe taiyar ho gaya

वो मेरे साथ आने पे तैयार हो गया सोते से हड़बड़ा के मैं बेदार हो गया, उस के

गिरह में रिश्वत का माल रखिए

girah me rishwat ka maal rakhiye

गिरह में रिश्वत का माल रखिए ज़रूरतों को बहाल रखिए, बिछाए रखिए अँधेरा हर सू सितारा कोई उछाल

दुख का एहसास न मारा जाए

dukh ka ehsas na maara jaaye

दुख का एहसास न मारा जाए आज जी खोल के हारा जाए, इन मकानों में कोई भूत भी

सुखाने बाल ही कोठे पे आ गए होते

sukhaane baal hi kothe pe aa gaye hote

सुखाने बाल ही कोठे पे आ गए होते इसी बहाने ज़रा मुँह दिखा गए होते, तुम्हें भी वक़्त

सच है कि वो बुरा था हर एक से लड़ा किया

sach hai ki wo bura tha

सच है कि वो बुरा था हर एक से लड़ा किया लेकिन उसे ज़लील किया ये बुरा किया,

ऐसा हुआ नहीं है पर ऐसा न हो कहीं

aisa hua nahin hai par aisa na ho

ऐसा हुआ नहीं है पर ऐसा न हो कहीं उस ने मुझे न देख के देखा न हो

रात पड़े घर जाना है

raat pade ghar jaana hai

रात पड़े घर जाना है सुब्ह तलक मर जाना है, जाग के पछताना है बहुत सोते में डर

क्या कहते क्या जी में था

kya-kahte-kya-jee-me-tha

क्या कहते क्या जी में था शोर बहुत बस्ती में था, पहली बूँद गिरी टप से फिर सब