कोशिश के बावजूद ये इल्ज़ाम रह गया

koshish ke bavjood ye ilzam rah gaya

कोशिश के बावजूद ये इल्ज़ाम रह गया हर काम में हमेशा कोई काम रह गया, छोटी थी उम्र

घर से निकले तो हो सोचा भी किधर जाओगे

ghar se nikale to ho socha bhi kidhar jaaoge

घर से निकले तो हो सोचा भी किधर जाओगे हर तरफ़ तेज़ हवाएँ हैं बिखर जाओगे, इतना आसाँ

ये कैसी कश्मकश है ज़िंदगी में

ye kaisi kashmakash hai zindagi me

ये कैसी कश्मकश है ज़िंदगी में किसी को ढूँडते हैं हम किसी में, जो खो जाता है मिल

हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा

har ghadi khud se uljhna hai muqaddar mera

हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा मैं ही कश्ती हूँ मुझी में है समुंदर मेरा, किस

अश्क ए नादाँ से कहो बाद में पछताएँगे

ashk e naadaan se kaho baad me pachhtayenge

अश्क ए नादाँ से कहो बाद में पछताएँगे आप गिर कर मेरी आँखों से किधर जाएँगे ? अपने

चलो चलके मनाया जाए उसको

chalo chalke manaya jaaye usko

चलो चलके मनाया जाए उसको गले से फिर लगाया जाए उसको, सियासत आदमी को बाँटती है ये सच

आदमी ही आदमी के बीच में आने लगा

aadmi hi aadmi ke beech me aane laga

आदमी ही आदमी के बीच में आने लगा फिर वही गुज़रा ज़माना ख़ुद को दुहराने लगा, एक अदना

काजू भुने प्लेट में व्हिस्की गिलास में

kaajoo bhune plate me whisky gilas me

काजू भुने प्लेट में व्हिस्की गिलास में उतरा है रामराज विधायक निवास में, पक्के समाजवादी हैं तस्कर हों

तुम्हारी फ़ाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है

tumhari faaielon me gaanv ka mausam gulabi hai

तुम्हारी फ़ाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है मगर ये आँकड़ें झूठे हैं ये दावा किताबी है, उधर

आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे

aankh par patti rahe aur aql par taala rahe

आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे अपने शाहे वक़्त का यूँ मर्तबा आला रहे, देखने