हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे
हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले, ख़ुद से …
हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले, ख़ुद से …
ये मुहब्बतों के किस्से भी अज़ीब होते है बेवफ़ा ही इसमें अक्सर अज़ीज़ होते है, चाहों में कोई …
आदम की जात होकर इल्म बिसरा रहे हो क्यूँ मज़लूम ओ गरीब को बेवजह सता रहे हो ? …
दूर कर देगा कभी साथ नहीं होने देगा ये वक़्त बेदर्द मुलाक़ात नहीं होने देगा, गम की वो …
मैं सुन रहा हूँ जो दुनियाँ सुना रही है मुझे हँसी तो अपनी ख़ामोशी पे आ रही है …
कैसी महफ़िल है ज़ालिम तेरे शहर में यहाँ हर कोई ही डूबा हुआ है ज़हर में, एक बच्ची …
चेहरे की हसी भी दिखावट सी हो रही है असल ज़िन्दगी भी बनावट सी हो रही है, अनबन …
सच ये है कि बेकार का ही हमें गम होता है जैसा हम चाहे दुनियाँ में वो बहुत …
उसे भुला के भी यादों के सिलसिले न गए दिल ए तबाह तेरे उससे राब्ते न गए, किताब …
मैं एक काँच का पैकर वो शख़्स पत्थर था सो पाश पाश तो होना मेरा मुक़द्दर था, तमाम …