तक़दीर की गर्दिश क्या कम थी इस पर ये क़यामत कर बैठे

taqdeer ki gardish kya kam thi is par ye qayamat kar baithe

तक़दीर की गर्दिश क्या कम थी इस पर ये क़यामत कर बैठे बेताबी ए दिल जब हद से

दुनिया की रिवायात से बेगाना नहीं हूँ

duniya ki riwayat se begaan nahi hoon

दुनिया की रिवायात से बेगाना नहीं हूँ छेड़ो न मुझे मैं कोई दीवाना नहीं हूँ, इस कसरत ए

मुझे दुनिया वालो शराबी न समझो

mujhe duniya walo sharabi na samjho

मुझे दुनिया वालो शराबी न समझो मैं पीता नहीं हूँ पिलाई गई है जहाँ बेख़ुदी में क़दम लड़खड़ाए

अब बंद जो इस अब्र ए गुहर बार को लग जाए

ab band jo is abr e guhar bar ko lag jaye

अब बंद जो इस अब्र ए गुहर बार को लग जाए कुछ धूप हमारे दर ओ दीवार को

तल्ख़ हालात में जीने का सबब होते हैं

talkh halaat me jine ka sabab hote hain

तल्ख़ हालात में जीने का सबब होते हैं ख़त जो छुप छुप के लिखे जाएँ अजब होते हैं,

तुम शुजाअत के कहाँ क़िस्से सुनाने लग गए

tum shujaat ke kahan qisse sunane lag gaye

तुम शुजाअत के कहाँ क़िस्से सुनाने लग गए जीतने आए थे जो दुनिया ठिकाने लग गए, उड़ रही

वो लोग आएँ जिन्हें हौसला ज़्यादा है

wo log aaye jinhen hausla zyada hai

वो लोग आएँ जिन्हें हौसला ज़्यादा है ग़ज़ल में ख़ून का मसरफ़ ज़रा ज़्यादा है, सब अपने आप

न कोई ख़्वाब कमाया न आँख ख़ाली हुई

na koi khwab kamaya na aankh khaali hui

न कोई ख़्वाब कमाया न आँख ख़ाली हुई तुम्हारे साथ हमारी भी रात काली हुई, ख़ुदा का शुक्र

किसी का साथ मियाँ जी सदा नहीं रहा है

kisi ka saath miyan ji sada nahi raha hai

किसी का साथ मियाँ जी सदा नहीं रहा है मगर दिलों को अभी सब्र आ नहीं रहा है,

कोई भी दार से ज़िंदा नहीं उतरता है

koi bhi daar se zinda nahi utarta hai

कोई भी दार से ज़िंदा नहीं उतरता है मगर जुनून हमारा नहीं उतरता है, तबाह कर दिया अहबाब