अमीरों के बुरे अतवार को जो ठीक समझे है

amiron ke bure atwaar ko jo thik samjhe hain

अमीरों के बुरे अतवार को जो ठीक समझे है मेरी हक़ बात को वो क़ाबिल ए तश्कीक समझे

ये कहना आसान नहीं है

ye kahna aasaan nahi hai

ये कहना आसान नहीं है दिल में कोई अरमान है, हिम्मत की तो पाई मंज़िल दुनिया का एहसान

मोहब्बत ख़ुद ही अपनी पर्दादार ए राज़ होती है

mohabbat khud hi apni pardadar e raaz hoti hai

मोहब्बत ख़ुद ही अपनी पर्दादार ए राज़ होती है जो दिल पर चोट लगती है वो बे आवाज़

तस्कीन न हो जिस में वो राज़ बदल डालो

taskeen na ho jis me wo raaz badal daalo

तस्कीन न हो जिस में वो राज़ बदल डालो जो राज़ न रख पाए हमराज़ बदल डालो, तुम

रहोगे हम से कब तक बेख़बर से

rahoge hum se kab tak bekhabar se

रहोगे हम से कब तक बेख़बर से जुदा होती नहीं दीवार दर से, मुसाफ़िर हाल क्या अपना सुनाए

हालात पर निगाह रुतों पर नज़र न थी

halaat par nigaah ruto par nazar na thi

हालात पर निगाह रुतों पर नज़र न थी जब तक रहे चमन में चमन की ख़बर न थी,

इतना सैराब होने वाला था

itna sairab hone wala tha

इतना सैराब होने वाला था मैं तह ए आब होने वाला था, तेज़ उस हुस्न की हरारत थी

अनगिनत फूल इंतिख़ाब गुलाब

anginat phool intikhab gulab

अनगिनत फूल इंतिख़ाब गुलाब आदतें कर गया ख़राब गुलाब, वो है नाराज़ उस की चौखट पर ले के

मेरे क़ातिल को पुकारो कि मैं जिंदा हूँ अभी

mere qatil ko pukaro ki main zinda hoon abhi

मेरे क़ातिल को पुकारो कि मैं जिंदा हूँ अभी फिर से मक़तल को सँवारों कि मैं जिंदा हूँ

कोई हो दर्द ए मुसलसल तो नींद आती है

koi ho dard e musalsam to neend aati hai

कोई हो दर्द ए मुसलसल तो नींद आती है बदन में हो कोई हलचल तो नींद आती है,