चराग़ों से हवाएँ लड़ रही हैं

charagon se hawayen lad rahi hain

चराग़ों से हवाएँ लड़ रही हैं कि ख़ुद बच्चों से माएँ लड़ रही हैं, नशेमन तो उजाड़े थे

उसे हम याद आते हैं फक़त फ़ुर्सत के लम्हों में

use hum yaad aate hai faqat fursat ke lamhon me

उसे हम याद आते हैं फक़त फ़ुर्सत के लम्हों में मगर ये बात भी सच है उसे फ़ुर्सत

वो मुहब्बत भी मौसम की तरह निभाता है

wo muhabbat bhi mausam ki tarah nibhata hai

वो मुहब्बत भी मौसम की तरह निभाता है कभी बरसता है कभी बूँद बूँद को तरसाता है, पल

दिल ग़म ए रोज़गार से निकला

dil gam e rozgaar se nikala

दिल ग़म ए रोज़गार से निकला किस घने ख़ारज़ार से निकला, हम-सफ़र हो गए मह ओ अंजुम मैं

मुझ को सज़ा ए मौत का धोका दिया गया

mujh ko saza e maut ka dhoka diya gaya

मुझ को सज़ा ए मौत का धोका दिया गया मेरा वजूद मुझ में ही दफ़ना दिया गया, बोलो

मेज़ चेहरा किताब तन्हाई

maze chehra kitab tanhaai

मेज़ चेहरा किताब तन्हाई बन न जाए अज़ाब तन्हाई, कर रहे थे सवाल सन्नाटे दे रही थी जवाब

सदाक़त का जो पैग़म्बर रहा है

sadaqat ka jo paigambar raha hai

सदाक़त का जो पैग़म्बर रहा है वो अब सच बोलने से डर रहा है, कहानी हो रही है

होश वालों को ख़बर क्या बे ख़ुदी क्या चीज़ है

hosh walon ko khabar kya be khudi kya cheej hai

होश वालों को ख़बर क्या बे ख़ुदी क्या चीज़ है इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है,

दो जवां दिलों का ग़म दूरियाँ समझती हैं

do javan dilon ka gam dooriyan samjhti hain

दो जवां दिलों का ग़म दूरियाँ समझती हैं कौन याद करता है हिचकियाँ समझती हैं, तुम तो खुद

कोई जो रहता है रहने दो मस्लहत का शिकार

koi jo rahta hai rahne do maslhat ka shikar

कोई जो रहता है रहने दो मस्लहत का शिकार चलो कि जश्न ए बहाराँ मनाएँगे सब यार, चलो