ज़िन्दगी से एक दिन मौसम खफ़ा हो जाएँगे…

ज़िन्दगी से एक दिन मौसम खफ़ा हो जाएँगे
रंग ए गुल और बू ए गुल दोनों हवा हो जाएँगे,

आँख से आँसू निकल जाएँगे और टहनी से फूल
वक़्त बदलेगा तो सब क़ैदी रिहा हो जाएँगे

फूल से ख़ुशबू बिछड़ जाएगी सूरज से किरन
साल से दिन वक़्त से लम्हे जुदा हो जाएँगे,

कितने पुरउम्मीद कितने खूबसूरत है ये लोग
क्या ये सब बाज़ू ये सब चेहरे फ़ना हो जाएँगे..!!

~अहमद मुश्ताक़

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