उम्र भर चलते रहे हम वक़्त की तलवार पर
उम्र भर चलते रहे हम वक़्त की तलवार पर परवरिश पाई है अपने ख़ून ही …
उम्र भर चलते रहे हम वक़्त की तलवार पर परवरिश पाई है अपने ख़ून ही …
ये आसमां ज़रूरी है तो ज़मीं भी ज़रूरी है ज़िन्दगी के वास्ते कुछ कमी भी …
चेहरा देखें तेरे होंठ और पलकें देखे दिल पे आँखे रखे और तेरी साँसे देखें, …
अज़ीब ख़्वाब था उसके बदन पे काई थी वो एक परी जो मुझे सब्ज़ करने …
दिल चाहे कि आज कुछ सुनहरा लिखूँ मैं ज़ात पे मेरी एक पैरा लिखूँ, मैं …
न घर है कोई, न सामान कुछ रहा बाक़ी नहीं है कोई भी दुनिया में …
किस को मालूम है क्या होगा नज़र से पहले होगा कोई भी जहाँ ज़ात ए …
भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे हम आँसुओं की तरह मुस्कुराने वाले थे, …
हर गम से मुस्कुराने का हौसला मिलता है ये दिल ही तो है जो गिरता …
बाद मरने के मेरे किसी केलब पे तो मेरा नाम होगा मातम होगा कहीं, कहीं …