भीतर भीतर आग भरी है बाहर बाहर पानी है
भीतर भीतर आग भरी है बाहर बाहर पानी है तेरी मेरी, मेरी तेरी सब की …
भीतर भीतर आग भरी है बाहर बाहर पानी है तेरी मेरी, मेरी तेरी सब की …
मैं दहशतगर्द था मरने पे बेटा बोल सकता है हुकूमत के इशारे पे तो मुर्दा …
आज कुछ बात है जो ज़िद पे अड़े हैं कुत्ते जाने क्यूँ अपने ही मालिक …
हकीक़त में नहीं कुछ भी दिखा है क़िताबो में मगर सब कुछ लिखा है, मुझे …
आवाम भूख से देखो निढाल है कि नहीं ? हर एक चेहरे से ज़ाहिर मलाल …
बस एक ही हल इसका हमारे पास है लोगो जो हुक्मराँ बिक जाए वो बकवास …
चुनाव से पहले मशरूफ़ होते है सारे ही उम्मीदवार दिन रात मीटिंगे होती है इन …
चंद सिक्को के एवज़ हर ज़ुर्म के सबूत मिटाने वालो इक्तिदार के नशे में धूत, …
एक तो ज़ालिम उसपे क़हर आँखे दिखा रहा है अंज़ाम ए बेहया शायद अब नज़दीक …
इसी चमन में ही हमारा भी एक ज़माना था यहीं कहीं कोई सादा सा आशियाना …