मुझे यकीं है अब हमारा जहान बदलेगा
मुझे यकीं है अब हमारा जहान बदलेगा ज़मीन बदलेगी और आसमान बदलेगा, ये खार बदलेंगे …
मुझे यकीं है अब हमारा जहान बदलेगा ज़मीन बदलेगी और आसमान बदलेगा, ये खार बदलेंगे …
अज़ब रिवायत है क़ातिलों का एहतराम करो गुनाह के बोझ से लदे काँधों को सलाम …
ख़ुद को इतना जो हवादार समझ रखा है क्या हमें रेत की दीवार समझ रखा …
क्यूँ ज़मीं है आज प्यासी इस तरह ? हो रही नदियाँ सियासी इस तरह, जान …
दौर ए ज़दीद में गुनाह ओ सवाब बिकते है वतन में अब जुबां, क़लम ज़नाब …
दुनिया की रिवायात से बेगाना नहीं हूँ छेड़ो न मुझे मैं कोई दीवाना नहीं हूँ, …
जो डलहौज़ी न कर पाया वो ये हुक्काम कर देंगे कमीशन दो तो हिंदुस्तान को …
सियासी महाभारत में इसके पात्र सारे आ गए योगगुरु भागे कहीं तो कहीं अन्ना हजारे …
किए वादों का निभाना बाक़ी है और अभी उनको मनाना बाक़ी है, मुझे अपना भी …
भरोसा कैसे करे कोई अब तिज़ारत के हवालो का ? न रहा सत्ता का यकीं …