मेरी तन्हाई बढ़ाते हैं चले जाते है
मेरी तन्हाई बढ़ाते हैं चले जाते है हँस तालाब पे आते हैं चले जाते हैं, …
मेरी तन्हाई बढ़ाते हैं चले जाते है हँस तालाब पे आते हैं चले जाते हैं, …
कभी कभी कितना नुक़सान उठाना पड़ता है ऐरों ग़ैरों का एहसान उठाना पड़ता है, टेढ़े …
बारहा तुझ से कहा था मुझे अपना न बना अब मुझे छोड़ के दुनिया में …
एक मुसलसल से इम्तेहान में हूँ जब से रब मैं तेरे जहाँ में हूँ, सिर्फ़ …
दुनियाँ ए अक़ीदत में अजब रस्म चली है जो दश्त में मजनूँ था वो मरकज़ …
मौत भी क्या अज़ीब हस्ती है जो ज़िंदगी के लिए तरसती है, दिल तो एक …
मैं सुन रहा हूँ जो दुनियाँ सुना रही है मुझे हँसी तो अपनी ख़ामोशी पे …
सच ये है कि बेकार का ही हमें गम होता है जैसा हम चाहे दुनियाँ …
ये किन ख़यालों में खो रहे हो नई है बुनियाद ए आशियाना चमन की तामीर …
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए …