ये आसमां ज़रूरी है तो ज़मीं भी ज़रूरी है
ये आसमां ज़रूरी है तो ज़मीं भी ज़रूरी है ज़िन्दगी के वास्ते कुछ कमी भी …
ये आसमां ज़रूरी है तो ज़मीं भी ज़रूरी है ज़िन्दगी के वास्ते कुछ कमी भी …
अज़ीब ख़्वाब था उसके बदन पे काई थी वो एक परी जो मुझे सब्ज़ करने …
भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे हम आँसुओं की तरह मुस्कुराने वाले थे, …
हर गम से मुस्कुराने का हौसला मिलता है ये दिल ही तो है जो गिरता …
क्यूँ रवा रखते हो मुझसे सर्द मेहरी बे सबब बीच में लाना पड़े थाना कचहरी …
दुनियाँ में करने पड़ते है इतने समझौते कि मौत से पहले कई बार मर जाते …
जाने क्यूँ आजकल तुम्हारी कमी अखरती है बहुत यादो के बंद कमरे में ज़िन्दगी सिसकती …
ये सोचा नहीं है कि किधर जाएँगे मगर हम अब यहाँ से गुज़र जाएँगे, इसी …
क्या करेंगे आप मेरे दिल का मंज़र देख कर ख़ामखा हैरान होंगे एक समन्दर देख …
खुद ही जवाब देता खुद सवाल करता है जमाना तेरा मेरे मौला कमाल करता है, …