ज़िन्दा है जब तक मुझे बस गुनगुनाने है
ज़िन्दा है जब तक मुझे बस गुनगुनाने है क्यूँकि गीत तेरे नाम के बड़े ही सुहाने है, है …
ज़िन्दा है जब तक मुझे बस गुनगुनाने है क्यूँकि गीत तेरे नाम के बड़े ही सुहाने है, है …
है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बदमिज़ाज सी …
हवा ए शाम ! ज़रा सा क़याम होगा न ?चिराग़ ए जाँ को जलाओ, क़लाम होगा न ? …