रोज़मर्रा वही सब ख़बर देख कर…
रोज़मर्रा वही सब ख़बर देख कर अब तो पत्थर हुआ ये ज़िगर देखिए, सड़के चलने लगी आदमी रुक …
रोज़मर्रा वही सब ख़बर देख कर अब तो पत्थर हुआ ये ज़िगर देखिए, सड़के चलने लगी आदमी रुक …
ज़िन्दगी का बोझ उठाना पड़ेगा गर ज़िन्दा हो तो दिखाना पड़ेगा, लगने लगे जो मसला ये ज़िन्दगी तो …
अश्क जब हम बहाने लगते हैं कितने ही गम ठिकाने लगते हैं आईना ले के निकले जब जब …
तमाम उम्र कटी उसकी मेज़बानी में बिछड़ गया था कभी जो भरी जवानी में, हमारे होने तलक सब …
किसी कमज़ोर की जब भी दुआएँ गूँज उठती है अबाबीलों के लश्कर से फज़ाएँ गूँज उठती है, ख़ामोशी …
तू इस क़दर मुझे अपने क़रीब लगता है तुझे अलग से जो सोचू अजीब लगता है, जिसे ना …
मुश्किल चाहे लाख हो लेकिन एक दिन तो हल होती है ज़िन्दा लोगों की दुनिया में अक्सर हलचल …
हमें कुछ पता नहीं है हम क्यूँ बहक रहे हैं ? रातें सुलग रही हैं दिन भी दहक …
लेना देना ही क्या फिर ऐसे यारो से ? सुख दुःख भी जब बाँटने हो दीवारों से, ज़िस्म …
हिज़ाब तेरे चेहरे पर आ मैं सजा दूँ बाग़ ए इरम की तुझे मैं हूर बना दूँ, …