गुलों में रंग भरे बाद ए नौ बहार चले

gulon me rang bhare baad e nau bahar chale

गुलों में रंग भरे बाद ए नौ बहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले, क़फ़स

दिल ए नादाँ तुझे हुआ क्या है

dil e naadaan tujhe hua kya hai

दिल ए नादाँ तुझे हुआ क्या है आख़िर इस दर्द की दवा क्या है ? हम हैं मुश्ताक़

सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं

suna hai log use aankh bhar ke dekhte hain

सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के

कोई समझेगा क्या राज़ ए गुलशन

koi samjhega kya raaj e gulshan

कोई समझेगा क्या राज़ ए गुलशन जब तक उलझे न काँटों से दामन, यक ब यक सामने आ

साक़िया तू ने मेरे ज़र्फ़ को समझा क्या है

saaqiya tu ne mere zarf ko samjha kya hai

साक़िया तू ने मेरे ज़र्फ़ को समझा क्या है ज़हर पी लूँगा तेरे हाथ से सहबा क्या है

दुनिया ए तसव्वुर हम आबाद नहीं करते

duniya e tasavvur hum aabaad nahin karte

दुनिया ए तसव्वुर हम आबाद नहीं करते याद आते हो तुम ख़ुद ही हम याद नहीं करते, वो

ऐसा बनना सँवरना मुबारक तुम्हें

aisa banna sanvarna mubarak tumhen

ऐसा बनना सँवरना मुबारक तुम्हें कम से कम इतना कहना हमारा करो चाँद शरमाएगा चाँदनी रात में यूँ

ये बहार का ज़माना ये हसीं गुलों के साए

ye bahaar ka zamana ye hasin gulon ke saaye

ये बहार का ज़माना ये हसीं गुलों के साए मुझे डर है बाग़ बाँ को कहीं नींद आ

राह पर उन को लगा लाए तो हैं बातों में

raah par un ko laga laaye to hain baaton me

राह पर उन को लगा लाए तो हैं बातों में और खुल जाएँगे दो चार मुलाक़ातों में, ये

ग़म से कहीं नजात मिले चैन पाएँ हम

gam se kahin nazaat mile chain paayen hum

ग़म से कहीं नजात मिले चैन पाएँ हम दिल ख़ून में नहाए तो गंगा नहाएँ हम, जन्नत में