हर नाला तिरे दर्द से अब और ही कुछ है….

Bazmeshayari_512X512

हर नाला तिरे दर्द से अब और ही कुछ हैहर नग़्मा सर-ए-बज़्म-ए-तरब और ही कुछ है, अरबाब-ए-वफ़ा जान

आरज़ू मैं ने कोई की ही नहीं….

Bazmeshayari_512X512

चर्ख़ से कुछ उमीद थी ही नहींआरज़ू मैं ने कोई की ही नहीं, मज़हबी बहस मैं ने की

जिन्हें कर सका न क़ुबूल मैं…

Bazmeshayari_512X512

जिन्हें कर सका न क़ुबूल मैंवो शरीक़ राह ए सफ़र हुए, जो मेरी तलब मेरी आस थेवही लोग

अभी क्या कहे अभी क्या सुने ?

abhi-kya-kahe-abhi-kya

अभी क्या कहे अभी क्या सुने? कि सर ए फसील ए सकूत ए जाँकफ़ ए रोज़ ओ शब

कभी ऐसा भी होता है ?

Bazmeshayari_512X512

कभी ऐसा भी होता है ?कि जिसको हमसफ़र जानेकि जो शरीक़ ए दर्द होवही हमसे बिछड़ जाए, कभी

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के…

wo ja raha hai koi shab e gam guzar ke

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार केवो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के, वीराँ है मय-कदा ख़ुम-ओ-साग़र

ये मिस्रा नहीं है वज़ीफ़ा मिरा है…

Bazmeshayari_512X512

ये मिस्रा नहीं है वज़ीफ़ा मिरा हैख़ुदा है मोहब्बत मोहब्बत ख़ुदा है, कहूँ किस तरह मैं कि वो

वो सिवा याद आए भुलाने के बा’द…

Bazmeshayari_512X512

वो सिवा याद आए भुलाने के बा’दज़िंदगी बढ़ गई ज़हर खाने के बा’द, दिल सुलगता रहा आशियाने के

दिल मेरा मिस्र का बाज़ार भी हो सकता है…

Bazmeshayari_512X512

दिल मेरा मिस्र का बाज़ार भी हो सकता हैकोई धड़कन का ख़रीदार भी हो सकता है, कोई हो

नख्ल ए ममनूअ के रुख दोबारा गया

नख्ल ए ममनूअ के

नख्ल ए ममनूअ के रुख दोबारा गया, मैं तो मारा गयाअर्श से फ़र्श पर क्यूँ उतारा गया ?